बिहार में बन रही देश की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली कजरा सौर ऊर्जा परियोजना के दूसरे चरण के कार्य के लिए L&T का चयन किया गया है


पटना:-राज्य सरकार की स्वीकृति के उपरांत लखीसराय के कजरा में अधिग्रहित कुल 1232 एकड़ भूमि पर माननीय मुख्यमंत्री की हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने की नीति के तहत सौर ऊर्जा उत्पादन सह बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है।


प्रथम चरण में 689 एकड़ भूमि पर परियोजना का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस चरण में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की क्षमता 185 मेगावाट (ए.सी.) है तथा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की क्षमता 254 मेगावाट आवर है, जो पीक आवर्स में 45.4 मेगावाट क्षमता के साथ 4 घंटों तक उपलब्ध रहेगी। परियोजना के अधिष्ठापन हेतु निविदा प्रक्रिया के माध्यम से मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (M/s L&T Ltd.) का चयन क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में किया गया है।


गौरतलब है कि परियोजना का कार्यादेश 01 जुलाई, 2024 को निर्गत किया गया। इसकी अनुमानित लागत 1570 करोड़ रुपये है। सम्पूर्ण भूमि पर 12 कि.मी. लंबी चारदीवारी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सोलर पैनलों एवं बैटरी कंटेनरों के अधिष्ठापन का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। अब तक 2 लाख से अधिक सोलर पैनलों तथा 81 बैटरी कंटेनरों का अधिष्ठापन कार्य पूर्ण किया जा चुका है। विद्युत निकासी से संबंधित कार्य प्रगति पर है। परियोजना का निर्धारित लक्ष्य दिसंबर 2025 है, किंतु इसे अगस्त 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


द्वितीय चरण में शेष लगभग 400 एकड़ (घनी वनस्पतियों को छोड़कर) भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पादन सह बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली का निर्माण कार्य किया जाएगा। इस चरण में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की क्षमता 116 मेगावाट (ए.सी.) है तथा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की क्षमता 241 मेगावाट आवर है, जो पीक आवर्स में 50.5 मेगावाट क्षमता के साथ 4 घंटों तक उपलब्ध रहेगी। इस चरण की अनुमानित लागत 880.27 करोड़ रुपये है। क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में पुनः मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड का चयन किया गया है।


माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। कजरा परियोजना एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो राज्य सरकार की हरित ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा संवर्धन नीति, 2025 को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। यह नीति बिहार में हरित ऊर्जा के परिदृश्य को बदलने में सहायक सिद्ध होगी। यह निश्चित है कि आने वाला समय हरित ऊर्जा का है और बिहार इसके माध्यम से अपनी ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करने हेतु हरसंभव प्रयास कर रहा है।


ऊर्जा सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कजरा परियोजना सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगी। परियोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।


बीएसपीजीसीएल के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार ने कहा कि परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु विशेष सतर्कता बरती जा रही है। समस्त कार्य मानकों के अनुरूप किए जा रहे हैं।


उपरोक्त दोनों चरणों में कुल 495 मेगावाट आवर क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिससे पीक आवर्स के दौरान बाजार से सस्ती और निर्बाध बिजली प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही 301 मेगावाट की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता बिहार को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह परियोजना राज्य के औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ नवीकरणीय क्रय दायित्व (Renewable Purchase Obligation – RPO) की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। साथ ही यह परियोजना देश की सबसे बड़ी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बनकर उभरेगी।।

  

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