विवाह से पूर्व गुरुवार दिन हुआ भगवान शिव और मां पार्वती का तिलक समारोह।

विश्वमोहन कुमार विधान

तारापुर उल्टा महादेव मंदिर के प्रांगण में बसंत पंचमी पर बाबा भोले के तिलकोत्सव का भव्य आयोजन उल्टा महादेव मंदिर के पंडित राम बाबा ने परंपरा नुसार से पूजा कराए।हर-हर महादेव के जयघोष के बीच देवों के देव भगवान महादेव एवं जगत जननी माता पार्वती जी का जब विवाह के लिए रिस्ता तय हुआ था और विवाह सम्पन्न होने से पूर्व दोनों का जिस दिन तिलक (सगाई) का समारोह सम्पन्न हुआ था उस दिन हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व त्योहार का दिन भी था।पहले इस पर्व को इतना महत्व नहीं दिया जाता था, लेकिन शिवजी और पार्वती जी का तिलक इस दिन होने के कारण इस पर्व को एक बड़े हर्षोल्लास के साथ उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।इसी मौके पर पंडित राम बाबा से बात करने पर बताए की धार्मिक परमपरा के अनुसार जब भगवान शिवजी एवं माता पार्वती जी के विवाह से पूर्व जब उनकी सगाई अर्थात तिलक समारोह का आयोजन देवताओं द्वारा किया गया था उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी तिथि यानी की हर्षोल्लास का पर्व बसंत पंचमी का पर्व था।तभी से इस पर्व को एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधि विधान पूर्वक भगवान शिवजी एवं माता पार्वती जी की पूजा आराधना करने से अविवाहितों को मनचाहे जीवन साथी की प्राप्ति होती है।वहीं सोनू साह ने बताया की तारापुर उल्टा महादेव मंदिर के प्रांगण में हर साल हम लोग इस कार्यक्रम को अच्छे से धूम-धाम के साथ मनाते आ रहे हैं और यहां सैकड़ों श्रद्धालु तिलक उत्सव में शामिल होते हैं।इस मौके पर फूल का सजावट भोले बाबा एवं पार्वती  मंदिर में क्या किया था।सभी श्रद्धालुओं के लिए खीर पूरी की प्रसादी के रूप में वितरण किया गया।इस मौके पर कार्यकर्ता गोविंद स्वर्णकार,संतोष स्वर्णकार,संजय साह,सुमन भगत,रितेश केसरी,मुन्ना स्वर्णकार,छोटू कुमार,रिंकू कुमारी,प्रीति कुमारी अनेकों भक्तगन उपस्थित थे।

  

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