बरारी भगवती मंदिर जिर्णोंद्धार समिति की बैठक में कई निर्णय लिये गये।

बरारी कटिहार से नीलम कौर की रिपोर्ट

कटिहार जिलान्तर्गत प्राचीन  भगवती मंदिर बरारी परिसर में  आयोजित बैठक में भगवती मंदिर जीर्णोद्धार समिति के आमंत्रण पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के पंडित डाॅ० प्रो० रिपुसूदन झा एवं  भदेसर, फारबिसगंज (अररिया)के पंडित  ताराकांत ठाकुर आए। उन्होंने जीर्णोद्धार समिति के सदस्यों को बताया कि मंदिर भवन के जीर्णोद्धार हेतु प्राण प्रतिष्ठित माता भगवती की प्रतिमा एवं शिवलिंग के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को मंदिर परिसर के अग्नित कोण में श्रद्धापूर्वक आदर सहित उनके स्थान से उठा कर अस्थाई तौर पर स्थापित कर पूजा-अर्चना किया जाय.  मंदिर भवन के जीर्णोद्धार के बाद पुनः पूर्व स्थान के ही जीर्णोद्धारित स्थान पर स्थाई रूप से स्थापित कर यज्ञ किया जाए.  इसके लिए पुनः प्राण प्रतिष्ठा करने की आवश्यकता नहीं है.  

जीर्णोद्धार समिति के सदस्यों ने उनसे आग्रह किया कि वे अपने देखरेख में प्रतिमाओं को अस्थाई रूप से स्थापित करायें. जीर्णोद्धार के बाद भी अपने देखरेख में स्थाई तौर पर स्थापित कराएं.  इस अवसर पर- मंदिर जीर्णोद्धार समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद सिंह, सचिव अबोध झा, कोषाध्यक्ष राजकिशोर यादव, सदस्य- विमल मालाकार, मृत्युञ्जय कुमार झा, मुकेश झा, इन्द्रमोहन यादव, निरंजन झा, प्रो. बिनोद यादव, पंडित पुरूषोत्तम झा, बबलू झा, राजेश झा, राजेन्द्र यादव सरोज, मंदिर प्रबंध समिति के सचिव विश्वदीपक भगवती उर्फ पंकज यादव, विको झा,धनजीत यादव, बिनोद भारती, कौशल किशोर यादव, श्यामल किशोर  यादव. बीमल मालाकार सहित मंदिर प्रबंध समिति और मंदिर जीर्णोद्धार समिति के सभी सदस्य गण, मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मी ,बीमल कालाकार आदि मौजूद रहे ।

  

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