10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक इतने बजे तक होगा नामांकन : मुजफ्फरपुर प्रशासन ने जारी किया..


मुजफ्फरपुर : भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत चुनाव प्रक्रिया का प्रत्येक चरण अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील होता है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिप्रेक्ष्य में नामांकन (Nomination) की प्रक्रिया निर्वाचन कार्यों का पहला और अत्यंत निर्णायक चरण है। इसी प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि कौन-से अभ्यर्थी चुनावी मैदान में उतरेंगे। नामांकन प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (Representation of the People Act, 1951) तथा संबंधित नियमों के अनुरूप संचालित की जाती है।


जिला अंतर्गत सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक नामांकन लिये जाएंगे। नामांकन प्रक्रिया के सफल एवं सुचारु संचालन तथा आयोग के दिशा निर्देश के अनुरूप संपन्न कराने की निमित्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में सभी ROऔर ARO को समाहरणालय सभा कक्ष में ट्रेनिंग दी गई तथा उन्हें नामांकन की संपूर्ण प्रक्रिया तथा आयोग के SOP से अवगत कराया गया। सार्वजनिक अवकाश तथा रविवार के दिन नामांकन नहीं लिये जाएंगे.


निर्वाचित पदाधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि के भीतर आने के लिए किसी अभ्यर्थी के  साथ आने वाले वाहनों की अधिकतम संख्या 03 तक सीमित है।

निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय कक्ष  में नामांकन करने हेतु अभ्यर्थी सहित  मात्र पांच व्यक्ति ही जा सकते हैं।


जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी RO को कमरे के भीतर तथा कमरे के निकास द्वार पर सीसीटीवी लगाने तथा वीडियोग्राफी की व्यवस्था करने का सख्त निर्देश दिया है। साथ ही कमरे में घड़ी की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सभी निर्वाची पदाधिकारी को हेल्प डेस्क बनाने तथा आवश्यक सम सहयोग करने तथा  समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया है। 


नॉमिनेशन प्रक्रिया से अवगत कराते हुए बताया गया कि एफिडेविट की हर पेज पर अभ्यर्थी का सिग्नेचर होना चाहिए। नामांकन पत्र दाखिल करने के उपरांत अभ्यर्थी का शपथ कराने पर भी ध्यान देने को कहा गया। 


अभ्यर्थी को आपराधिक पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी देना है। इस संबंध में उल्लेखनीय है कि ऐसे अभ्यर्थी को तीन बार प्रिंट मीडिया के समाचार पत्र में तथा तीन बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रचारित प्रसारित कराया जाना है। 


जिलाधिकारी ने आईटी सेल को आगाह करते हुए निर्देश दिया कि नॉमिनेशन के दिन ही अभ्यर्थी के एफिडेविट का ऑनलाइन अपलोड हो जाना चाहिए।


कुढ़नी के निर्वाची पदाधिकारी सह भूमि सुधार उपसमाहर्ता पश्चिमी को बैठक में खोज की गई जिसमें अनुपस्थित पाई गई।  इसके अतिरिक्त 7 अक्टूबर को केंद्रीय विद्यालय गनीपुर में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में खोजे जाने पर भी वे अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए थे। उनकी लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित करते हुए शो कॉउज करने तथा पूछने का निर्देश दिया है कि क्यों नहीं निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य तथा सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्य में लगातार लापरवाही बरतने के आरोप में उनके विरुद्ध निलंबन की अनुशंसा विभाग को कर दी जाए ? इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने निर्वाचन कार्य हेतु आयोजित बैठक तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों की सूची तलब की है तथा वैसे सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का वेतन बंद करने तथा शो काउज करने का सख्त निर्देश दिया है।


जिलाधिकारी ने आगाह करते हुए बताया है कि चुनाव कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी बल्कि पूरी जवाबदेही एवं निष्ठा भाव से अपने-अपने दायित्व का ससमय निष्पादन करने का निर्देश दिया है।


1. नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत...


निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही नामांकन प्रक्रिया औपचारिक रूप से प्रारंभ हो जाती है। यह अधिसूचना राज्यपाल द्वारा जारी की गई चुनाव अधिसूचना की तारीख से प्रारंभ होती है। अधिसूचना जारी होते ही संबंधित विधानसभा क्षेत्र के लिए रिटर्निंग ऑफिसर (Returning Officer) नामांकन पत्र स्वीकार करने का कार्य आरंभ करते हैं।


नामांकन की अंतिम तिथि अधिसूचना जारी होने के सातवें दिन तक होती है। इस अवधि में उम्मीदवार या उसके प्रस्तावक द्वारा कार्य दिवसों के दौरान प्रातः 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक नामांकन पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।


2. नामांकन पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया....


उम्मीदवार को निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में नामांकन पत्र (Form 2B) भरना होता है। यह पत्र रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष स्वयं उम्मीदवार या उसके प्रस्तावक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।


नामांकन पत्र के साथ सुरक्षा धनराशि (Security Deposit) जमा करना अनिवार्य होता है।


सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए यह राशि ₹10,000 तथा


अनुसूचित जाति/जनजाति के उम्मीदवारों के लिए ₹5,000 निर्धारित है।


नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार को अपना शपथपत्र (Affidavit) भी प्रस्तुत करना होता है, जिसमें उसकी व्यक्तिगत जानकारी, संपत्ति का विवरण, आपराधिक पृष्ठभूमि (यदि कोई हो), शैक्षणिक योग्यता आदि का उल्लेख अनिवार्य है। यह शपथपत्र आयोग द्वारा निर्धारित Form 26 में भरा जाता है।


3. दस्तावेजों की जाँच (Scrutiny of Nominations)....


नामांकन प्रक्रिया का दूसरा चरण होता है — जाँच (Scrutiny)। यह कार्य नामांकन की अंतिम तिथि के अगले दिन किया जाता है।


इस दिन रिटर्निंग ऑफिसर सभी अभ्यर्थियों के नामांकन पत्रों की विधिवत जांच करते हैं। यदि किसी दस्तावेज़ में त्रुटि, अपूर्णता, अयोग्यता, या गलत जानकारी पाई जाती है, तो नामांकन पत्र को अस्वीकार किया जा सकता है।

जाँच प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है। 


4. नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया (Withdrawal of Candidature)....


नामांकन पत्र स्वीकार होने के पश्चात उम्मीदवार के पास अपना नाम वापस लेने का विकल्प होता है। इसके लिए आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा अधिसूचना में स्पष्ट की जाती है। सामान्यतः, नामांकन पत्रों की जांच पूरी होने के दो दिन बाद तक नाम वापसी की अनुमति होती है।


उम्मीदवार को स्वयं या अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर को लिखित रूप में आवेदन देकर अपना नाम वापस लेना होता है। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के बाद कोई भी उम्मीदवार नाम वापसी नहीं कर सकता।


5. प्रतीक आवंटन (Allotment of Symbols)....


नामांकन वापसी की अंतिम तिथि के पश्चात चुनावी प्रक्रिया का अगला चरण होता है चुनाव प्रतीक (Symbol) का आवंटन।


मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उनके आरक्षित प्रतीक स्वचालित रूप से प्रदान किए जाते हैं।


निर्दलीय या अपंजीकृत दलों के उम्मीदवारों को आयोग द्वारा फ्री सिंबल लिस्ट से प्रतीक आवंटित किए जाते हैं।


प्रतीक आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी और रिकॉर्डेड होती है।


6. नामांकन प्रक्रिया में सिंगल विंडो सिस्टम की भूमिका...


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में निर्वाचन आयोग ने नामांकन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, त्वरित एवं तकनीक-आधारित बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम (Single Window System) लागू किया है।


इस प्रणाली के अंतर्गत—


उम्मीदवार नामांकन पत्र, शपथपत्र, सुरक्षा राशि जमा और प्रतीक आवंटन की प्रक्रिया एक ही स्थान पर कर सकते हैं।


निर्वाचन कार्यालयों में डिजिटल पोर्टल और डायल 1950 हेल्पलाइन से सहायता प्राप्त की जा सकती है।


उम्मीदवार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता और समय की बचत होती है।


7. रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका.....


नामांकन प्रक्रिया के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वे न केवल नामांकन पत्र स्वीकार करते हैं बल्कि प्रत्येक उम्मीदवार की पात्रता की पुष्टि भी करते हैं।जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी प्रकार की त्रुटि, पक्षपात या अव्यवस्था न हो। रिटर्निंग ऑफिसर की उपस्थिति में नामांकन, जाँच, नाम वापसी एवं प्रतीक आवंटन की संपूर्ण प्रक्रिया विधिवत रूप से सम्पन्न होती है।


8. पारदर्शिता और विधिक सुरक्षा...


नामांकन की पूरी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप होती है।  


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन की प्रक्रिया केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं बल्कि लोकतंत्र का प्रारंभिक और सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इसी से चुनावी प्रतिस्पर्धा की नींव रखी जाती है। निर्वाचन आयोग ने तकनीकी नवाचार, पारदर्शिता, सिंगल विंडो सुविधा और समयबद्ध व्यवस्था के माध्यम से इस प्रक्रिया को सुचारु, निष्पक्ष और सुलभ बनाया है।


नामांकन के दौरान उम्मीदवार की सत्यनिष्ठा, प्रशासन की निष्पक्षता और जनता के विश्वास का संतुलन ही स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है। इस प्रकार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की नामांकन प्रक्रिया लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है.


मुजफ्फरपुर से रूपेश कुमार की रिपोर्ट

  

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