मधुबनी-कायाकल्प की पियर एसेसमेंट को लेकर टीम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण ।

- टीम के सदस्य अगले 3 दिनों तक सदर अस्पताल सहित झंझारपुर, जयनगर फुलपरास तथा बेनीपट्टी अनुमंडल अस्पताल का करेंगी निरीक्षण 

-अस्पताल के अंदर और परिसर की सफाई व्यवस्था को देखा और जानकारी ली

- सफाई व्यवस्था से कायाकल्प की टीम संतुष्ट दिखी

-कायाकल्प योजना के तहत कार्य करने के लिए दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश:

किशोर कुमार ब्यूरो 

मधुबनी-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई और संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी। जिसके तहत ज़िला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में रख रखाव व साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए टीम के द्वारा  मंगलवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. टीम के सदस्य अगले 3 दिनों तक  15 16 एवं 17 नवंबर तक सदर अस्पताल सहित झंझारपुर, जयनगर फुलपरास तथा बेनीपट्टी अनुमंडल अस्पताल का पपियर एसेसमेंट किया गया विदित हो कि कायाकल्प योजना के लिए पहले चरण में इंटरनल एसेसमेंट दूसरे चरण में पियर एसेसमेंट तथा तीसरे चरण में राज्य स्तरीय टीम के द्वारा असेसमेंट किया जाता है. जिसके तहत 70% अंक प्राप्त करने के बाद ही राज्य स्तर से टीम के द्वारा मूल्यांकन किया जाता है बुधवार को  एसेसमेंट टीम मे सीतामढ़ी  जिला के डीसीक्यूए डॉ. धीरेन्द्र कुमार द्वारा अस्पताल जांच की गई जांच के दौरान टीम ने संतोष व्यक्त किया तथा और बेहतर कार्य करने की नसीहत दी. टीम के सदस्यों ने अस्पताल की सुविधाओं को देखा। खासकर अस्पताल की सफाई व्यवस्था की टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया।इसमें भी खरा उतरने पर अस्पताल को पुरस्कार के तौर पर पुरुस्कार राशि मिलेगी । इस दौरान टीम के द्वारा अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सारी सुविधाओं की जानकारी ली। डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था संतोषजनक थी। प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर साफ-सुथरा था। हालांकि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, लेकिन व्यवस्था फिर भी ठीक-ठाक थी। जो भी कमियां थीं, उसे ठीक करने के लिए कहा गया। अस्पताल में आने वाले मरीजों को यहां से किसी तरह का संक्रमण नहीं हो, इसका हमलोग ख्याल रखते हैं। मालूम हो कि कायाकल्प योजना के तहत आने वाले राज्य के अस्पतालों को मुख्य रूप से पांच पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है। जिसमें राज्य के दो सर्वश्रेष्ठ जिला अस्पताल, प्रत्येक जिले में दो सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्च स्तर पर रख-रखाव, सफ़ाई के साथ ही बेहतर गुणवत्तापूर्ण व्यवस्था व व्यवहार अपनाने वाले कर्मियों सहित अस्पताल को प्रमाण पत्र के साथ ही नकद राशि भी देने का प्रावधान है।


-कायाकल्प योजना के तहत कार्य करने के लिए दिए आवश्यक दिशा निर्देश : 


 सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा  ने बताया कायाकल्प योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों की दिशा में प्रोत्साहित करना, स्वास्थ्य सुविधाएं सहित स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनाना होता है। सामान्य रूप से विभिन्न अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा मुख्य रूप से तीन तरह की सुख सुविधाओं पर फोकस किया गया है। जिसमें स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार, जिस पर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना होता है। सदर अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कई अन्य अस्पतालों के सभी वार्डों में स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों द्वारा इलाजरत मरीजों या आने वाले अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही अस्पताल में इलाजरत मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित किया जा रहा है। स्वास्थ्य केंद्र में पीने के लिए स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। वहीं अस्पताल परिसर में बने शौचालयों को घर जैसी सफ़ाई करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। परिसर में छोटा-छोटा पार्क बनाकर उसमें रंग बिरंगे फूल-पौधे एवं औषधीय पौधे लगाकर उन्हें सजाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अस्पताल में मरीजों को शांत व स्वच्छ वातावरण माहौल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।


-ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होंगी उपलब्ध:


 मधुबनी डीसीक्यूए डॉक्टर कमलेश शर्मा ने बताया कायाकल्प योजना के तहत सभी तरह के स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार को लेकर मुहिम शुरू कर दी गई है। हालांकि पहले की अपेक्षा बहुत ज़्यादा सुधार भी हुआ है लेकिन अभी भी बहुत कुछ सुधार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारियों को दिया गया है। क्योंकि ज़िला मुख्यालय से दूर इस तरह के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग हमेशा तैयार रहता है। तभी तो प्रसव पीड़ा से तड़पते हुए महिला जैसी घटनाएं अब सुनने को नही मिल रही हैं। स्थानीय अस्पताल प्रशासन के अलावा जनप्रतिनिधियों एवं मरीजों के परिजनों को भी सहयोग करने की जरूरत है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी एवं अस्पताल प्रबंधन को लेकर सुधार के लिए पूरी तन्मयता से लगे हुए है। जिससे विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है।

  

Related Articles

Post a comment