20,000 में काम नहीं चलेगा', इंटर्न डॉक्टर्स की मानदेय को लेकर किया प्रदर्शन, SKMCH में ओपीडी सेवाएं ठप


मुजफ्फरपुर : उतर बिहार का बड़ा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में मंगलवार को एमबीबीएस इंटर्न डॉक्टर्स ने अपने मानदेय में वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की। मेडिकल कॉलेज के गेट पर धरने पर बैठे इंटर्न डॉक्टर्स के प्रदर्शन के कारण अस्पताल की ओपीडी सेवाएं ठप हो गईं। हालांकि, गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहीं.


धरने पर बैठे इंटर्न डॉक्टर्स रेशम अहमद और मनीष कुमार ने बताया कि बिहार में इंटर्न को दिया जाने वाला मासिक मानदेय वर्तमान में 20,000 रुपए है, जो बढ़ती महंगाई और कार्यभार के मद्देनजर अपर्याप्त है। उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मानदेय 43,000 रुपए है, जबकि आईजीआईएमएस पटना में लगभग 30,000 रुपए है। इंटर्न डॉक्टर्स ने बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग से न्यूनतम 40,000 रुपए मासिक मानदेय देने की मांग की। उन्होंने बताया कि हजारे संगठन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पहले पत्र भेजा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.


इंटर्न डॉक्टर्स ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने 20 फरवरी 2014 को संकल्प जारी किया था कि हर तीन साल में प्रशिक्षुओं और स्नातकोत्तर छात्रों के मानदेय में संशोधन किया जाएगा। अंतिम संशोधन 2022 में किया गया था, लेकिन इसके बाद कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके चलते इंटर्न डॉक्टर्स ने मजबूरन हड़ताल और धरना शुरू किया.


मुजफ्फरपुर से रूपेश कुमार

  

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