

आखिर क्यों हत्या हुआ,गोपाल खेमका हत्याकांड का खुलासा।।
- by Raushan Pratyek Media
- 08-Jul-2025
- Views
उद्योगपति गोपाल खेमका मर्डर केस का बिहार पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। बिहार पुलिस की ओर से बताया गया कि जमीन विवाद के कारण गोपाल खेमका की हत्या की गई। इस केस का मास्टरमाइंड अशोक साव था। उसने ही डेढ़ महीना पहले हत्या की साजिश रची थी। मंगलवार को डीजीपी विनय कुमार, एडीजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन, पटना रेंज के आईजी जितेंद्र राणा, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा, सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस किया। आइए जानते हैं बिहार के इस हाईप्रोफाइल मर्डर पर पुलिस ने क्या-क्या खुलासा किया।
बिहार पुलिस की ओर से कहा गया कि एसटीएफ के सहयोग से पटना पुलिस द्वारा तकनीकी अनुसंधान और सीसीवीटी के अवलोकन से सर्वप्रथम घटना करने वाले व्यक्ति का पीछा करते हुए उसके ठिकाने तक पुलिस पहुंची। वहां से गोपाल खेमका की हत्या में प्रयुक्त बाइक को बरामद किया गया। बाइक के मालिक के बारे में आसपास के लोगो से पूछताछ की गई तो पता चला कि यह बाइक उमेश यादव का है। वह सामने वाले मकान में रहता है। उक्त मकान में पहुंच कर तलाशी लिया गया तो घटना के समय पहने गये शर्ट, जूता, हेल्मेट, मास्क, आदि को बरामद किया गया। इसके बाद फौरन उमेश यादव को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने गोपाल खेमका की हत्या की बात स्वीकार की। घटना में प्रयुक्त हथियार और गोली के बारे में पूछने पर बताया कि घटना के बाद यह अपने घर के प्रथम तल पर छिपाकर रख दिये हैं। इनकी निशानदेही पर प्रथम तल के कमरे की तलाशी लेने पर 7.62 MM का 56 राउंड जिंदा कारतूस, एक 9 MM पिस्टल, दो मैगजीन एवं 14 गोली बरामद किए गए।
चार लाख रुपये की सुपारी तय की गई थी
पुलिसिया पूछताछ में उमेश यादव के द्वारा बताया गया कि घटना करने के लिए चार लाख रुपये की सुपारी तय की गई थी। 50 हजार रुपये एडवांस के रूप में दिए गए। शेष बची राशि घटना होने के अगले दिन गंगापथ पर अशोक साव द्वारा दिया गया था। अशोक साव से इनकी मुलाकात बिहारशरीफ में करीब डेढ़ साल पहले एक शादी समारोह में हुई थी। तब से ये इनके लिए छोटे-मोटे काम कर रहे थे। पटना एसएसपी ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले अशोक साव द्वारा गोपाल खेमका की हत्या करने की षडयंत्र रची गयी थी। अशोक साव द्वारा गोपाल खेमका की हत्या करने के लिए शूटर एवं हथियार की व्यवस्था करने के लिए बोला गया। इसके बाद उमेश यादव ने शूट विकास उर्फ राजा संपर्क किया। विकास ने चार लाख की सुपारी मांगी। लेकिन, बाद में उमेश ने खुद ही गोपाल खेमका को गोली मारने की बात सोची। इसके बाद अशोक साव ने उमेश के 9 एमएम हथियार, दो मैगजीन 18 गोली इन्हें मुहैया करा गया। गोपाल खेमका का फोटो एवं गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर उपलब्ध कराया गया।अशोक साव ने बताया कि क्यों हत्या करवाई
पटना पुलिस ने बताया कि करीब 10 दिनों तक अपराधियों ने गोपाल खेमका के दिनचर्चा का पता लगाया। इसमें अपराधियों ने पाया कि रोज शाम को आठ बजे बांकीपुर क्लब जाते थे और करीब 11:30 बजे रात्रि में खुद गाड़ी चला कर घर वापस आ जाते थे। क्लब से निकलते समय अपने मित्र सुदेश सरिन को बाकड़गंज मोड़ पर उतार कर अपने घर चले जाते थे। चार जुलाई को करीब 11:30 बजे बांकीपुर क्लब पहुंचे तो गोपाल खेमका की गाड़ी लगे देखा तो यह लोग तुरंत इनके आवास की ओर बढ़ गए और गोपाल खेमका के आने का इंतजार करने लगे। कुछ समय बाद गोपाल खेमका अपने कार खुद चलाते हुए अपने अपार्टमेन्ट के गेट पर जैसे ही रूके तो उमेश ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। वहां से वह घर चला गया और हथियार को ऊपर वाले कमरे में छिपा कर रख दिया। अगले दिन उमेश को अशोक साव ने सुपारी की शेष बची राशि करीब साढ़े तीन लाख रुपये दे दिया। इसके बाद उमेश यादव की निशानदेही पर उदयगिरी अपार्टमेंट की तलाश ली गई तो एक फ्लैट से साढ़े छह लाख रुपये और एक पिस्टल, 17 जिंदा कारतूस, जमीन का ढेर सारा कागजात, मोबाइल एवं अन्य समान बरामद किए गए। वहां से अशोक साव को गिरफ्तार कर लिया गया। अशोक साव ने पूछताछ के दौरान बताया कि जमीन एवं बांकीपुर क्लब का विवाद होने के कारण गोपाल खेमका की हत्या करवाया गया।

Post a comment