मधुबनी-कला-संस्कृति को नया आयाम देने के लिए तैयार 'मिथिला हाट',सीएम करेंगे लोकार्पण,जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने तैयारियों का किया निरीक्षण



मिथिला को शानदार सौगात


मंत्री संजय कुमार झा ने कहा, 'मिथिला हाट' के निर्माण से आसपास के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे


_____________________________

किशोर कुमार ब्यूरो,प्रत्येक न्यूज़ लाइव 

____________________________


मधुबनी-मिथिला को कल (बुधवार को) एक शानदार सौगात मिलने वाली है। मिथिला की कला-संस्कृति से देश-विदेश के लोगों को रूबरू कराने और बिक्री के लिए आधुनिक बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा 'दिल्ली हाट' की तर्ज पर मधुबनी जिले में झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम में एनएच 57 के किनारे नवनिर्मित 'मिथिला हाट' का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को 'समाधान यात्रा' के दौरान लोकार्पण करेंगे। जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ 'मिथिला हाट' का स्थल निरीक्षण किया और लोकार्पण की तैयारियों की समीक्षा की।


जल संसाधन विभाग, बिहार द्वारा निर्मित 'मिथिला हाट' में देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण कराया गया है। इसके परिसर में 50 आधुनिक शैली की दुकानों के अलावा फूड कोर्ट, ओपन एयर थिएटर, प्रशासनिक भवन, मल्टी परपस हॉल, डोरमेट्री, झरना, पार्किंग एरिया इत्यादि का भी निर्माण कराया गया है। साथ ही पूरे परिसर को कचनार, चंपा, अमलतास सहित विभिन्न प्रकार के सुंदर एवं खुशबूदार पौधों तथा आकर्षक रोशनी से सजाया गया है।

 

जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि उन्हें आत्म संतुष्टि है कि जिस काम को आरंभ करने के लिए कदम बढ़ाया था, अब वह धरातल पर साकार हो रहा है। 'मिथिला हाट' का निर्माण पूरा होना उनके लिए एक सपना के सच होने जैसा है। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (एनएच 57) के किनारे अवस्थित होने के कारण मिथिला के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटक भी 'मिथिला हाट' तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यहां आकर लोग मिथिला की कला-संस्कृति, जैसे- मिथिला पेंटिंग, हस्तकला, सिक्की घास और खादी से निर्मित उत्पादों के अलावा स्थानीय व्यंजन इत्यादि से रू-ब-रू हो सकेंगे। इसके निर्माण से मिथिला की कला-संस्कृति एवं अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए एक बेहतरीन बाजार उपलब्ध होगा। यहां कुछ अन्य राज्यों के स्थानीय उत्पादों एवं व्यंजन की बिक्री भी की व्यवस्था की जाएगी। मिथिला हाट के परिसर में निर्मित ओपन एयर थिएटर और मल्टी परपस हॉल में मिथिला सहित विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन भी कर पाएंगे।


उन्होंने बताया कि मिथिला हाट के साथ लगती बड़ी पोखर का जल संसाधन विभाग ने जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कराया है। पोखर के उत्तर और दक्षिण में सीढ़ियों का, जबकि इसके चारो ओर पाथवे का निर्माण कराया गया है। मिथिला हाट आने वाले पर्यटक यहां बोटिंग का भी आनंद ले सकेंगे। कुल मिलाकर मिथिला आने वाले पर्यटकों के लिए मिथिला हाट आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इससे आसपास के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।


'मिथिला हाट' योजना के लिए 299 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हुई है, जबकि बड़की पोखर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य के साथ-साथ सुगरवे नदी की उड़ाही की योजना की कुल लागत 1596.51 लाख रुपये है। 


उल्लेखनीय है कि इससे पहले मिथिला की कला-संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मधुबनी जिले के सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललितकला संग्रहालय की भी स्थापना हुई है। मिथिला चित्रकला संस्थान में मिथिला के युवा अपनी कला-संस्कृति का औपचारिक प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं और उन्हें आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी, पटना की डिग्री दी जा रही है।

  

Related Articles

Post a comment