पूर्णिया विश्वविद्यालय की पीएचडी नामांकन प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी, छात्रों में आक्रोश : बिस्मिल

पूर्णिया – पूर्णिया विश्वविद्यालय की पीएचडी नामांकन प्रक्रिया को लेकर छात्रों में जबरदस्त नाराजगी देखने को मिल रही है। छात्र राजद पूर्णिया जिला इकाई के जिला अध्यक्ष मोहम्मद बिस्मिल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

बिस्मिल ने कहा कि पैट -2023  परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद इंटरव्यू की तिथि घोषित की गई, इंटरव्यू भी संपन्न हुआ और फाइनल मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई। लेकिन उसके दो महीने बाद तक भी नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। जब सवाल उठाया तो विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि परिणाम में त्रुटि थी, जिसे रद्द कर पुनर्मूल्यांकन के बाद नया परिणाम जारी किया जाएगा।

इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा नया परिणाम जारी किया गया, लेकिन इस परिणाम में कई ऐसे अभ्यर्थियों के नाम गायब थे जो पहले पास घोषित किए गए थे। सवाल उठता है कि अगर पहले परिणाम गलत था तो फिर उसी के आधार पर इंटरव्यू क्यों कराया गया और फाइनल मेरिट लिस्ट क्यों जारी की गई? अगर सचमुच में गड़बड़ी हुई थी तो विश्वविद्यालय के जिम्मेदार पदाधिकारियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

मोहम्मद बिस्मिल ने कहा कि यह पूरा मामला विश्वविद्यालय की गंभीर लापरवाही और प्रशासनिक असंवेदनशीलता को उजागर करता है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि या तो पहले के परिणाम के आधार पर नामांकन लिया जाए या फिर पूरी परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए साथ ही कहा कि पास सभी अभ्यर्थियों के आंसरशीट को सार्वजनिक किया जाए और इंटरव्यू को रिकॉर्ड किया जाए ।

छात्र राजद ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही विश्वविद्यालय कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है तो छात्र संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

  

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