

भगवान का सच्चा भक्त वही है,जो केवल भगवान को ही चाहता है।
- by Raushan Pratyek Media
- 10-Jan-2023
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मुंगेर/बिहार।
विश्वमोहन कुमार विधान।
भागवत कथा का तीसरा दिन। भगवान का सच्चा भक्त वही है जो केवल भगवान को ही चाहता है।भगवान से संसार की किसी वस्तु की कामना नहीं करता है। सांसारिक वस्तु की तो बात ही छोड़ दीजिए,वह तो मुक्ति को भी ठोकर मार देता है।प्रभु के निष्काम भक्त को जो परम शांति और परम आनंद प्राप्त होता है वह सकाम भक्तों को कभी नहीं हो सकता।उक्त बातें असरगंज बस स्टैंड स्थित संत नागा निरंकारी पथिक आश्रम में संत पथिक जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार को हरिद्वार से पधारे स्वामी सुबोध आनंद जी महाराज ने श्रोताओं के बीच कहीं। भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रहलाद जी को सदा सर्वदा सर्वत्र सब रूप में भगवान ही भगवान दिखता था ।प्रहलाद जी का मन भगवान के चरणों में इस प्रकार आसक्त था कि एक क्षण के लिए भी संसार की तरफ नहीं जाता था।मानो भगवान ने ही ग्राह बन करके प्रहलाद जी के मन को पकड़ रखा हो।भक्त प्रहलाद जैसा भक्त जिस कुल मे उत्पन्न होता है, उस कुल की 21 पीढ़ी के लोग तर जाते हैं। स्वामी सुबोध आनंद जी महाराज ने गज ग्राह की लड़ाई का प्रसंग सुनाते हुए लोगों को बताया कि काम क्रोध आदि विकार ही ग्राह है।इनके चंगुल से मनुष्य तब तक नहीं छूट पाता है, जब तक कि वह भगवान की अथवा गुरुदेव की शरण ग्रहण नहीं करता। राजा बलि एवं वामन भगवान की कथा सुनाई गई तथा वामन भगवान की बड़ी सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई ,जिसे देखकर सभी श्रोता आनंदित हो गए। मौके पर श्री शंकर बाबा ,रंजीत बाबा,रामदास जी ,रामेश्वर जी,सुरेश साह, मुनेश्वर साह,,शिक्षक अर्जुन प्रसाद ,वासुदेव प्रसाद सहित सैकड़ों की संख्या में स्त्री और पुरुष श्रोता उपस्थित थे।

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