डीएम ने की भू-अर्जन मामलों की समीक्षा; कार्यकारी एजेंसियों को तत्परता से योजनाओं का क्रियान्वयन करने का दिया निदेश



योजनाओं में अच्छी प्रगति, स्थानीय प्रशासन द्वारा आ रही छोटी-छोटी समस्याओं का ससमय समाधान किया जा रहा हैः डीएम 


पटना:-समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में भू-अर्जन मामलों में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने पटना मेट्रो, भारतमाला परियोजना तथा दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण में प्रगति की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अच्छी प्रगति है। आ रही समस्याओं को स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष रूचि लेकर दूर की गयी है। उन्होंने आवश्यकतानुसार कैम्प लगाकर परियोजनाओं का तत्परता से क्रियान्वयन करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने आवेदन सृजन तथा मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया। उन्होंने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को इसका अनुश्रवण करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सम्बद्ध अधिकारीगण एवं कार्यकारी एजेंसी समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करें।


डीएम ने  निदेश दिया कि अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नियमित तौर पर परियोजना स्थल का भ्रमण करें तथा समस्या हल करें।


१. पटना मेट्रो परियोजनाः 


पटना मेट्रो रेल डिपो निर्माण हेतु रानीपुर तथा पहाड़ी मौजा में कुल 82 खेसरा में अर्जित रकवा 75.945 एकड़ है। कुल 162 रैयतों के बीच 130.78 करोड़ रूपया की राशि का भुगतान किया गया है। 


अधियाची विभाग को न्यू आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन, जगनपुरा मेट्रो स्टेशन तथा रामकृष्णानगर मेट्रो स्टेशन हेतु दखल-कब्जा दे दिया गया है। डीएम द्वारा एसडीओ, पटना सदर को खेमनीचक के नज़दीक से अतिक्रमण हटाने को निर्देशित किया गया।


२.दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माणः इस परियोजना अतंर्गत कुल 21 मौजा है जिसमें दानापुर अंचल में 09 मौजा तथा बिहटा अंचल में 12 मौजा है। कुल अर्जनाधीन भूमि का रकवा 64.02 एकड़ तथा कुल पंचाट की संख्या 775 है। अभी तक 251 रैयतों के बीच 43.95 करोड़ रूपया की राशि का भुगतान कर दिया गया है। 


जिलाधिकारी द्वारा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को इस परियोजना में मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया गया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि 29 सितंबर से 17 अक्टूबर तक शिविर का आयोजन किया गया था। डीएम द्वारा फिर से नोटिस निकालने, सीमांकन करने तथा शिविर लगाने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्रामवार रैयतों की संख्या के अनुसार रोस्टर का निर्धारण करते हुए शिविर का आयोजन करें। शिविर का वृहद-स्तर पर प्रचार-प्रसार करें ताकि आम जनता इसका अधिक से अधिक फायदा उठा सके। शिविरों में अंचल, भू-अर्जन तथा अधियाची विभाग के भी प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भी शिविरों के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि मुआवजा भुगतान के बाद शेष राशि प्राधिकार में जमा कर दी जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा एजेंसी को हर तरह का सहयोग प्रदान किया जाएगा।


३. भारतमाला अन्तर्गत एनएच-119डी आमस-रामनगर खंड परियोजनाः जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि इस परियोजना अतर्गत अच्छी प्रगति है। प्रशासन द्वारा सभी समस्या का समाधान कर अधियाची विभाग को शत-प्रतिशत फिजिकल पॉजेशन दे दिया गया है। फतुहा एवं धनरुआ अंचल के 12 मौजा में सरकारी भूमि सहित दखल-कब्जा का रकवा 221.6268 एकड़ है। 411 रैयतों के बीच 61 करोड़ रूपये से अधिक का मुआवजा भुगतान किया गया है। साथ ही प्रावधानों के अनुसार 25.3424 करोड़ रूपया की राशि विशेष भू-अर्जन न्यायाधीश, पटना के न्यायालय में जमा की गयी है। स्थानीय प्रशासन द्वारा दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर सीमांकन सहित हर तरह का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। एनएचएआई के प्रतिनिधि ने बताया कि एजेंसी द्वारा काम प्रारंभ नहीं किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा इसपर खेद व्यक्त करते हुए एनएचएआई के अधिकारी को निदेशित किया गया कि एजेंसी से स्पष्टीकरण करेंगे तथा यथाशीघ्र कार्य शुरू कराएंगे। 


 जिलाधिकारी द्वारा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि भू-अर्जन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को समय-सीमा के अंदर पूर्ण करें। अधिसूचना प्रकाशन, अधिघोषणा प्रकाशन, मुआवजा भुगतान आदि कार्यों में प्रावधानों का अनुपालन करते हुए तेजी लाएं।


इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारीगण, अंचलाधिकारीगण एवं अन्य भी उपस्थित थे।

  

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