खगड़िया लोकसभा क्षेत्र वोकल पर लोकल भारी! माय समीकरण से भारी पड़ेगा वामपंथ ?



एनडीए में भीतरघात का डर पूर्व जदयू विधायक पूनम यादव और परबत्ता विधायक डॉ संजीव कुमार नही दिखे हैं मैदान में।



अश्वनी कुमार, ब्यूरो चीफ 



खगड़िया : लोकसभा क्षेत्र में करीब 17 लाख वोटर हैं। इनमें पुरुषों की आबादी 893,986 और महिलाओं की संख्या 793,640 है। यहां सबसे निर्णायक भूमिका में यादव वोटर होते हैं। वहीं दूसरे नंबर पर मुस्लिम समुदाय आते हैं। इस लोकसभा सीट से 2014 और 2019 में लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर दो बार भारी बहुमत से संसद बने थे जिसमें मुस्लिम वोटरों का इनके पक्ष में होना फायदेमंद रहा था।इस बार उन्हें बेटिकट कर लोजपा ने राजेश वर्मा पर दांव लगाया है। खगड़िया सीट को जीत कर हैट्रिक लगाना लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। वर्तमान सांसद चौधरी महबूब अली कैसर राजद में शामिल हो गए हैं और महागठबंधन उम्मीदवार संजय कुमार के पक्ष में प्रचार भी कर रहे हैं। इससे मुस्लिम वोटरों का रुझान महागठबंधन प्रत्याशी के तरफ होता दिख रहा है, वहीं यादव वोटर पहले से ही महागठबंधन के पारंपरिक वोटर रहे हैं उनमें टूट की संभावना कम रहती है।


महागठबंधन उम्मीदवार दे रहे कड़ी टक्कर :-


खगड़िया लोकसभा सीट के लिए एक तरफ जहां एनडीए की तरफ से सभी जोर आजमाइश किए जा रहे हैं। वहीं एनडीए प्रत्याशी के साथ इनके क्षेत्र के विधायकों का खुलकर साथ नही आना परेशानी का सबब बन सकता है। परबत्ता के जदयू विधायक डॉ संजीव कुमार खुलकर मैदान में एनडीए के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं वहीं उनके भाई एमएलसी राजीव कुमार महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में लगातार दौरा कर रहें हैं। खगड़िया लोकसभा के हसनपुर विधानसभा के लोग हमेशा से खुद को ठगा महसूस करते हैं, क्योंकि वोट लेने के बाद संसद का हसनपुर के विकास की और कोई ध्यान नही रहता। इसलिए इस बार स्थानीय प्रत्याशी की और लोगों का रुझान ज्यादा दिख रहा है। हालांकि राजेश वर्मा के साथ मोदी फैक्टर मजबूती के साथ काम कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन भी जीत के लिए कोई कोर कसर छोड़ने की फिराक में नहीं है। ऐसे में एनडीए के लिए खगड़िया जीत पाना आसान नहीं होगा। 


जातिगत समीकरण :- 


खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में लगभग 17 लाख वोटर हैं। जिसमें पुरुषों की आबादी 893,986 और महिलाओं की संख्या 793,640 है। यहां सबसे निर्णायक भूमिका में यादव वोटर होते हैं। वहीं दूसरे नंबर पर मुस्लिम समुदाय आते हैं। जबकि तीसरा नंबर निषाद समुदाय का है। आंकड़ों की अगर बात करें तो खगड़िया लोकसभा क्षेत्र में यादव वोटरों की संख्या 340000 के करीब है। जबकि निषाद और मुस्लिम वोटर डेढ़-डेढ़ लाख हैं। यानी यह तीन जातियां चुनाव में अहम भूमिका में हैं। जो अगर वोट में तब्दील होकर किसी उम्मीदवार के पक्ष में चला जाए तो उसकी जीत लगभग तय मानी जा सकती है। वहीं कुर्मी और कुशवाहा दोनों जातियों के मतदाताओं को मिला दें तो इनकी संख्या ढाई लाख के करीब है। जबकि सवर्ण समुदाय के भी डेढ़ लाख मतदाता हैं।  वहीं खगड़िया में अभी तक 16 सांसद बने हैं। जिसमें से मात्र चार स्थानीय निवासी खगड़िया जिले के सांसद बने हैं। इसलिए महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए यह चक्रव्यूह तोड़ना आसान नहीं होगा। 


लोकसभा में जातियों का वोट प्रतिशत :-


यादव -16%

कोयारी +कुर्मी -12%

मुस्लिम- 9%

अगरी जाती-8%

मल्लाह -8%

पासवान -4%

मुसहर -5%

अन्य शिड्यूल कास्ट -9%

पंचकोनिया -29%

  

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