वर्तमान रबी फ़सल के अंतर्गत आनेवाले मुख्य फ़सल गेहूं की कटनी के पश्चात वैकल्पिक खेती के तौर पर सोयाबीन की खेती करना बहुत लाभकारी होगा।:- सुभाषचंद्र झा उर्फ विदुर जी झा, वरिष्ठ किसान सलाहकार।



समस्तीपुर ( हसनपुर/बिथान):- आधुनिक भारत में कृषि के क्षेत्र में नवीनतम तथा वैकल्पिक तकनीक अपनाकर किसानों की आर्थिक स्थिति को बहुत हद तक सुदृढ़ किया जा सकता है। इस बाबत बिहार सरकार के कृषि विभाग के अंतर्गत हसनपुर प्रखंड में कार्यरत वरिष्ठ कृषि सलाहकार सुभाषचंद्र उर्फ विदुर जी झा ने बताया की वर्तमान रबी फ़सल के अंतर्गत आनेवाले मुख्य फ़सल गेहूं की कटनी के पश्चात किसानों के खेत आगामी खरीफ फ़सल की बुआई से पहले 70 से 80 दिनों तक खाली रह जाते है। इसलिए किसानों को इस बीच वैकल्पिक खेती के तौर पर तेलहन फ़सल के रूप में सोयाबीन की खेती करनी चाहिए जो की उनके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। उन्होंने बताया की सोयाबीन की खेती कम जुताई और कम लागत में अच्छी पैदावार देती है। इससे किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में काफी सहायता मिल सकेगी। इसके लिए उन्होंने किसानों से अपने  मोबाइल नंबर 9955787844 पर आवश्यक सुझाव प्राप्त करने के साथ साथ सोयाबीन की खेती के लिए बीज की उपलब्धता के संबंध में संपर्क किए जाने का आह्वान किया।

  

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